भारत में एक्सप्रेसवे का नेटवर्क तेजी से बढ़ रहा है और देशभर में यात्रा को सुगम बनाने के लिए कई प्रमुख एक्सप्रेसवे बन रहे हैं।
भारत में आज एक शहर को दूसरे शहर से जोड़ने के लिए विभिन्न हाईवे और एक्सप्रेस-वे मौजूद हैं। इनके माध्यम से प्रतिदिन करोड़ों यात्री अपनी मंजिल तक का सफर तय करते हैं।
सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भारत में सड़क निर्माण और इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में महत्वपूर्ण सुधार किए हैं, जिससे यात्रा तेज़ हुई और देश का विकास बढ़ा है।
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे भारत के सबसे लंबे एक्सप्रेसवे में से एक है, जिसकी कुल लंबाई 1450 किलोमीटर है। यह एक्सप्रेसवे दिल्ली और मुंबई को जोड़ता है, जिससे यात्रा समय में भारी कमी आएगी और वाणिज्यिक गतिविधियाँ बढ़ेंगी।
मुंबई-नागपुर एक्सप्रेसवे महाराष्ट्र के प्रमुख एक्सप्रेसवे में से एक है, जिसकी कुल लंबाई 701 किलोमीटर है। यह एक्सप्रेसवे मुंबई और नागपुर के बीच यात्रा को तेज़ और सुगम बनाता है, जिससे राज्य के विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे है, जो लखनऊ के गोसाईंगंज से शुरू होकर गाजीपुर के मुहम्मदाबाद में खत्म होता है। इसकी कुल लंबाई करीब 340 किलोमीटर है और यह सुल्तानपुर, मऊ, बलिया जैसे जिलों से होकर गुजरता है।
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे 2022 में शुरू हुआ, जो महोबा, बांदा, जालौन, चित्रकूट और हमीरपुर जैसे जिलों को जोड़ता है। इसकी कुल लंबाई 296 किलोमीटर है और यह क्षेत्र का प्रमुख मार्ग है।
यमुना एक्सप्रेसवे पश्चिमी उत्तर प्रदेश का मुख्य मार्ग है, जो दिल्ली को आगरा से जोड़ता है। इसकी लंबाई 165 किलोमीटर है और रोजाना एक लाख से ज्यादा वाहन इस पर चलते हैं।
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